Laxmi Stotra
लक्ष्मी स्तोत्र एक दिव्य स्तुति है, जो देवी महालक्ष्मी की महिमा का गुणगान करती है। इस स्तोत्र के नियमित पाठ से जीवन में धन, ऐश्वर्य, सुख-समृद्धि और मानसिक शांति की प्राप्ति होती है। यह स्तोत्र न केवल भौतिक समृद्धि प्रदान करता है, बल्कि आध्यात्मिक उन्नति में भी सहायक होता है। देवी लक्ष्मी की कृपा से व्यक्ति के जीवन में संतुलन और संतोष की भावना विकसित होती है।
लक्ष्मी स्तोत्र
क्षमस्व भगवत्येव क्षमाशीले परात्परे ।
शुद्धसत्त्वस्वरूपे च कोपादिपरिवर्जिते ॥1॥
उपमे सर्वसाध्वीनां देवीनां देवपूजिते ।
त्वया विना जगत्सर्वं मृततुल्यं च निष्फलम् ॥2॥
सर्वसंपत्स्वरूपा त्वं सर्वेषां सर्वरूपिणी ।
रासेश्वर्यधिदेवी त्वं त्वत्कलाः सर्वयोषितः ॥3॥
कैलासे पार्वती त्वं च क्षीरोदे सिन्धुकन्यका ।
स्वर्गे च स्वर्गलक्ष्मीस्त्वं मर्त्यलक्ष्मीश्च भूतले ॥4॥
वैकुण्ठे च महालक्ष्मीर्देवदेवी सरस्वती ।
गङ्गा च तुलसी त्वं च सावित्री ब्रह्मवल्लभा ॥5॥
कृष्णप्राणाधिदेवी त्वं गोलोके राधिकास्वयं ।
रासे रासेश्वरी त्वं च वृन्दावनवने वने ॥6॥
कृष्णप्रिया त्वं भाण्डीरे चन्द्रा चन्दनकानने ।
विरजा चम्पकवने शतशृङ्गे च सुन्दरी ॥7॥
पद्मावती पद्मवने मालती मालतीवने ।
कुन्ददन्ती कुन्दवने सुशीला केतकीवने ॥8॥
कदम्बमाला त्वं देवी कदम्बकाननेऽपि च ।
राजलक्ष्मी राजगेहे गृहलक्ष्मी गृहे गृहे ॥9॥
इत्युक्त्वा देवताः सर्वा मुनयो मनवस्तथा ।
रुरुदुर्नम्रवदनाः शुष्ककण्ठोष्ठतालुकाः ॥10॥
इति लक्ष्मीस्तवं पुण्यं सर्वदेवैः कृतं शुभम् ।
यः पठेत्प्रातरुत्थाय स धन्यः सुखमेधते ॥11॥
॥ इति श्रीदेवकृतं लक्ष्मीस्तोत्रं सम्पूर्णम् ॥
लक्ष्मी स्तोत्र का इतिहास क्या है?
देवकृत लक्ष्मी स्तोत्र की रचना देवताओं द्वारा की गई थी, जब उन्होंने देवी लक्ष्मी से कृपा प्राप्त करने हेतु यह स्तुति की। इस स्तोत्र में देवी लक्ष्मी के विभिन्न रूपों का वर्णन किया गया है, जैसे कि पार्वती, सरस्वती, गंगा, तुलसी, राधा आदि। इस स्तोत्र के पाठ से देवी लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं और साधक को समस्त सुख-संपदा प्रदान करती हैं।
इस स्तोत्र पाठ का सर्वोत्तम समय क्या है?
- शुक्रवार: सुबह स्नान के बाद या शाम को लाल वस्त्र धारण कर देवी लक्ष्मी के समक्ष दीपक जलाकर पाठ करना शुभ माना जाता है।
- विशेष अवसर: दीपावली, अक्षय तृतीया, शरद पूर्णिमा, नवरात्रि आदि पर्वों पर पाठ करना अत्यंत फलदायक होता है।
- नियमितता: प्रतिदिन सुबह या शाम को शांत मन से पाठ करने से देवी लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है।
इस स्तोत्र पाठ कौन कर सकता है?
लक्ष्मी स्तोत्र का पाठ कोई भी श्रद्धालु कर सकता है, चाहे वह गृहस्थ हो या संन्यासी, स्त्री हो या पुरुष। विशेष रूप से वे लोग जिन्हें आर्थिक तंगी, व्यवसाय में हानि, पारिवारिक कलह या मानसिक तनाव का सामना करना पड़ रहा हो, इस स्तोत्र का पाठ करके लाभ प्राप्त कर सकते हैं।
इस स्तोत्र के लाभ क्या है?
- धन और ऐश्वर्य की प्राप्ति:
माँ लक्ष्मी को धन, वैभव और समृद्धि की अधिष्ठात्री देवी माना जाता है। इस स्तोत्र का पाठ घर में आर्थिक उन्नति और धन की वृद्धि में सहायक होता है। - गृह क्लेश और दरिद्रता से मुक्ति:
जिन घरों में दरिद्रता, कलह या मानसिक तनाव रहता है, वहाँ नियमित रूप से इस स्तोत्र का पाठ करने से वातावरण शांत और सकारात्मक बनता है। - व्यापार और करियर में सफलता:
व्यवसायी और नौकरीपेशा लोग इसे नित्य श्रद्धा से पढ़ें तो उनके कार्यों में स्थिरता, वृद्धि और सफलता आती है। - भक्त का मनोबल और आत्मविश्वास बढ़ता है:
यह स्तोत्र आत्मबल और मन की स्थिरता प्रदान करता है, जिससे व्यक्ति कठिन परिस्थितियों में भी सकारात्मक बना रहता है। - माँ लक्ष्मी की कृपा जीवन भर बनी रहती है:
नियमित पाठ से देवी लक्ष्मी की विशेष कृपा साधक पर बनी रहती है और वह हर प्रकार की कमी से सुरक्षित रहता है।
बीज मंत्र
- ॐ श्रीं नमः
- ॐ ह्रीं श्रीं लक्ष्मीभ्यो नमः
- ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्म्यै नमः
- ॐ ह्रीं श्रीं क्लीं महालक्ष्म्यै नमः
- ॐ लक्ष्मी नारायणाभ्यां नमः
- ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद महालक्ष्म्यै नमः
- ॐ नमो भाग्यलक्ष्म्यै च विद्महे महालक्ष्म्यै च धीमहि तन्नो लक्ष्मी प्रचोदयात्
- ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं ऐं महालक्ष्म्यै नमः
- ॐ ह्रीं ह्रीं श्री लक्ष्मी वासुदेवाय नमः
- ॐ श्रीं क्लीं सौः लक्ष्म्यै नमः
इस स्तोत्र से संबंधित अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
प्रश्न 1: लक्ष्मी स्तोत्र का पाठ कब करना चाहिए?
उत्तर: लक्ष्मी स्तोत्र का पाठ शुक्रवार को सुबह स्नान के बाद, स्वच्छ लाल या गुलाबी वस्त्र पहनकर और माँ लक्ष्मी के समक्ष दीपक जलाकर करना श्रेष्ठ माना जाता है। इसे प्रतिदिन भी पढ़ा जा सकता है।
प्रश्न 2: इस स्तोत्र का नियमित पाठ करने से क्या लाभ होता है?
उत्तर: नियमित पाठ से धन, ऐश्वर्य, सुख-समृद्धि और मानसिक शांति प्राप्त होती है। घर में दरिद्रता और क्लेश दूर होते हैं और देवी लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है।
प्रश्न 3: क्या यह स्तोत्र सभी लोग पढ़ सकते हैं?
उत्तर: हाँ, यह स्तोत्र स्त्री-पुरुष, गृहस्थ या ब्रह्मचारी कोई भी श्रद्धा और नियम से पढ़ सकता है। विशेष रूप से वे लोग जिन्हें आर्थिक समस्या हो, उनके लिए यह स्तोत्र बहुत लाभकारी है।
प्रश्न 4: क्या लक्ष्मी स्तोत्र का पाठ किसी विशेष दिन आरंभ करना शुभ होता है?
उत्तर: हाँ, दीपावली, अक्षय तृतीया, शुक्रवार, शरद पूर्णिमा या नवरात्रि जैसे पवित्र दिनों पर इसे आरंभ करना विशेष फलदायक माना जाता है।
प्रश्न 5: क्या लक्ष्मी स्तोत्र के साथ बीज मंत्रों का जाप भी किया जा सकता है?
उत्तर: जी हाँ, लक्ष्मी स्तोत्र के साथ बीज मंत्रों का जाप करने से स्तोत्र की शक्ति और भी बढ़ जाती है और साधक को देवी की कृपा शीघ्र प्राप्त होती है।