Angaraka Stotram

अंगारक स्तोत्र

अंगारक स्तोत्र एक पवित्र स्तुति है जो भगवान मंगल (अंगारक, कुज या भौम) को समर्पित है। यह स्तोत्र स्कंद पुराण से लिया गया है और मंगल ग्रह के नकारात्मक प्रभावों को शांत करने, ऋण मुक्ति, रोग नाश और जीवन में समृद्धि लाने के लिए अत्यंत प्रभावशाली है।

||अङ्गारकस्तोत्रम् ||

विनियोगः
अस्य श्री अङ्गारकस्तोत्रस्य विरूपाङ्गिरस ऋषिः |
अग्निर्देवता गायत्री छन्दः |
भौमप्रीत्यर्थं जपे विनियोगः |

अङ्गारकस्तोत्रम्
अङ्गारकः शक्तिधरो लोहिताङ्गो धरासुतः |
कुमारो मङ्गलो भौमो महाकायो धनप्रदः ||१||

ऋणहर्ता दृष्टिकर्ता रोगकृद्रोगनाशनः |
विद्युत्प्रभो व्रणकरः कामदो धनहृत् कुजः ||२||

सामगानप्रियो रक्तवस्त्रो रक्तायतेक्षणः |
लोहितो रक्तवर्णश्च सर्वकर्मावबोधकः ||३||

रक्तमाल्यधरो हेमकुण्डली ग्रहनायकः |
नामान्येतानि भौमस्य यः पठेत्सततं नरः ||४||

ऋणं तस्य च दौर्भाग्यं दारिद्र्यं च विनश्यति |
धनं प्राप्नोति विपुलं स्त्रियं चैव मनोरमाम् ||५||

वंशोद्द्योतकरं पुत्रं लभते नात्र संशयः |
योऽर्चयेदह्नि भौमस्य मङ्गलं बहुपुष्पकैः ||६||

सर्वा नश्यति पीडा च तस्य ग्रहकृता ध्रुवम् ||७||

||इति श्रीस्कन्दपुराणे अङ्गारकस्तोत्रं संपूर्णम् ||

अंगारक स्तोत्र पढ़ने का क्या लाभ है?

इस स्तोत्र के नियमित पाठ से ऋण मुक्ति, दरिद्रता का नाश, रोगों से राहत, विवाह में आने वाली बाधाओं का समाधान, और कुल की उन्नति होती है। यह मंगल दोष को शांत करता है और जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है।

अंगारक स्तोत्र पढ़ने का सबसे अच्छा समय क्या है?

इस स्तोत्र का पाठ मंगलवार के दिन सूर्योदय के समय करना सबसे उत्तम माना गया है। इस समय लाल वस्त्र धारण करके, पूर्व दिशा की ओर मुख करके, लाल पुष्प और चंदन अर्पित करके पाठ करने से विशेष लाभ प्राप्त होता है।

यह स्तोत्र कौन-कौन पढ़ सकता है?

कोई भी व्यक्ति, चाहे वह स्त्री हो या पुरुष, इस स्तोत्र का पाठ श्रद्धा और भक्ति के साथ कर सकता है। विशेष रूप से वे लोग जिनकी कुंडली में मंगल दोष है, या जो ऋण, रोग या विवाह संबंधी समस्याओं से ग्रस्त हैं, उन्हें इसका पाठ अवश्य करना चाहिए।

बीज मंत्र

  • “ॐ अंग अंगारकाय नमः”
  • “ॐ मंगलाय नमः”
  • “ॐ वीरध्वजाय विद्महे विघ्नहस्ताय धीमहि तन्नो भौमः प्रचोदयात्”

FAQ

1. अंगारक स्तोत्र किस देवता को समर्पित है?

उत्तर: यह स्तोत्र भगवान मंगल (अंगारक) को समर्पित है, जो ग्रहों में ऊर्जा, साहस, रक्त, युद्ध, भूमि और निर्णय के देवता माने जाते हैं।

2. क्या अंगारक स्तोत्र मंगल दोष को शांत करता है?

उत्तर: हाँ, अंगारक स्तोत्र का नियमित और श्रद्धापूर्वक पाठ मंगल दोष (कुंडली में मौजूद पाप ग्रह स्थिति) को शांत करता है और इससे जुड़ी समस्याओं जैसे विवाह में देरी, झगड़े, दुर्घटना और ऋण से राहत मिलती है।

3. स्तोत्र पढ़ते समय क्या नियम अपनाने चाहिए?

उत्तर: मंगलवार के दिन लाल वस्त्र पहनें, भगवान मंगल की मूर्ति या चित्र के सामने दीपक और लाल पुष्प अर्पित करें। पाठ के पहले और बाद में “ॐ मंगलाय नमः” मंत्र का जाप करें और एकाग्रता बनाए रखें।

4. क्या स्त्री और गृहस्थ लोग भी इस स्तोत्र का पाठ कर सकते हैं?

उत्तर: सभी इस स्तोत्र का पाठ कर सकते हैं। यह ग्रह दोषों के निवारण के लिए एक सार्वभौमिक उपाय है, जिसमें कोई पंथ या लिंग बाधा नहीं है।

5. क्या अंगारक स्तोत्र के साथ अन्य उपाय भी करने चाहिए?

उत्तर: हाँ, साथ में मंगल वार व्रत, मसूर की दाल या लाल वस्त्र का दान, हनुमान जी की पूजा, और मंगल ग्रह के बीज मंत्रों का जाप करने से इसका प्रभाव और भी बढ़ जाता है।