Shri Karni Chalisa in Hindi Lyrics PDF

Shri Karni Chalisa

करणी चालीसा देवी करणी माता की स्तुति में रचित 40 चौपाइयों का एक भक्तिपूर्ण ग्रंथ है। यह चालीसा उनकी अलौकिक शक्तियों, चमत्कारों और भक्तों पर की गई कृपा का वर्णन करती है। राजस्थान में करणी माता को शक्ति स्वरूपा और कुलदेवी के रूप में पूजा जाता है।

करणी चालीसा

॥ दोहा ॥

जय गणेश जय गज बदन,
करण सुमंगल मूल ।

करहू कृपा निज दास पर,
रहू सदा अनुकूल ॥

जय जननी जगदिश्वरी,
कह कर बारम्बार ।

जगदम्बा करणी सुयश,
वरणऊ मति अनुसार ॥

सुमिरौ जय जगदम्ब भवानी ।
महिमा अकथ न जाय बखानी ॥

नमो नमो मेहाई करणी ।
नमो नमो अम्बे दुःख हरणी ॥

आदि शक्ति जगदम्बे माता ।
दुःख को हरणि सुखों कि दाता ॥

निरंकार है ज्योति तुम्हारी ।
तिंहु लोक फैली उजियारी ॥

जो जेहि रूप से ध्यान लगावे ।
मन वांछित सोई फल पावे ॥

धौलागढ में आप विराजो ।
सिंह सवारी सन्मुख साजो ॥

भैरों वीर रहे अगवानी ।
मारे असुर सकल अभिमानी ॥

ग्राम ‘सुआप’ नाम सुखकारी ।
चारण वंश करणी अवतारी ॥

मुख मण्डल की सुन्दरताई ।
जाकी महिमा कही न जाई ॥

जब भक्तों ने सुमिरण कीन्हा ।
ताही समय अभय करी दीन्हा ॥

साहूकार की करी सहाई ।
डूबत जल में नाव बचाई ॥

जब कान्हे ने कुमति बिचारी ।
केहरी रूप धरयो महतारी ॥

मारयो ताहि एक छन मांई।
जाकी कथा जगत में छाई ॥

नेडी़ जी शुभ धाम तुम्हारो।
दर्शन करी मन होय सुखारो ॥

कर सौहे त्रिशूल विशाला।
गल राजे पुष्पन की माला ॥

शेखोजी पर किरपा किन्ही।
क्षुधा मिटाय अभय कर दिन्ही ॥

निरबल होई जब सुमिरन किन्हा।
कारज सभी सुलभ कर दीन्हा ॥

देशनोक पावन थल भारी।
सुंदर मंदिर की छवि न्यारी ॥

मढ में ज्योति जले दिन राती।
निखरत ही त्रय ताप नशाती ॥

किन्ही यहां तपस्या आकर।
नाम उजागर सब सुख सागर ॥

जय करणी दुःख हरणी मईया।
भव सागर से पार करइया ॥

बार बार ध्यांऊ जगदम्बा।
कीजे दया करो न विलम्बा ॥

धर्मराज नै जब हठ किन्हा।
निज सूत को जीवत करि लीन्हा ॥

ताही समय मर्यादा बनाई।
तुम यह मम वंशज नहि आई ॥

मूषक बन मंदिर में रहि हैं।
मूषक ते पुनि मानुष बनी हैं ॥

दिपोजी को दर्शन दीन्हा।
निज लीला से अवगत किन्हा ॥

बने भक्त पर कृपा किन्ही।
दो नैनन की ज्योति दिन्ही ॥

चरित अमित किन्ह अपारा।
जाको जश छायो संसारा ॥

भक्त जनन को मात तारती।
मगन भक्त जन करत आरती ॥

भीड़ पड़ी भक्तो पर जब ही।
भई सहाय भवानी तब ही ॥

मातु दया अब हम पर कीजे।
सब अपराध क्षमा कर दीजे ॥

मोको मातु कष्ट अति घेरो।
तुम बिन कोन हरे दुःख मेरो ॥

जो नर धरे मात कर ध्याना।
ताकर सब विधि हो कल्याणा ॥

निशि वासर पुजहिं नर -नारी।
तिनकों सदा करहूं रखवारी ॥

भव सागर में नाव हमारी।
पार करहु करणी महतारी ॥

कंह लगी वरनंऊ कथा तिहारी।
लिखत लेखनी थकत हमारी ॥

पुत्र जानकर कृपा कीजै।
सुख संपति नव निधि कर दीजै ॥

जो यह पाठ करे हमेशा।
ताके तन नहि रहे कलेशा ॥

संकट में जो सुमिरन करई।
उनके ताप मात सब हरई ॥

गुण गाऊं दोऊ कर जोरे ।
हरऊ मात सब संकट मोरे ॥

||दोहा||

आदि शक्ति अम्बा सुमिर,
धरी करणी का ध्यान ।
मन मंदिर में बास करूं,
दूर करो अज्ञान ॥

अन्य चालीसा

Ganesh ChalisaShiv ChalisaDurga ChalisaHanuman Chalisa Surya Chalisa 
Vishnu ChalisaLaxmi ChalisaKrishan ChalisaKali ChalisaSarawati Chalisa
Kamakhya ChalisaChamunda ChalisaBalaji ChalisaKaal Bhairav ChalisaKarni Chalisa
Nakoda Bhairav ChalisaPitra ChalisaRamdev ChalisaRadha Chalisa Vindhyavasini Chalisa
Vishwakarma ChalisaChandraprabhu ChalisaChintpurni ChalisaBalak Nath ChalisaGiriraj Chalisa
Mahakal ChalisaNarsingh ChalisaPadmavati Mata Chalisa Aadinath ChalisaVaishno Devi 
Shantinath ChalisaBanke Bihari ChalisaAnnapurna ChalisaKuber ChalisaSai chalisa