उत्पन्ना एकादशी
उत्पन्ना एकादशी की संपूर्ण जानकारी
विषय | विवरण |
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एकादशी तिथि प्रारंभ | 26 नवंबर 2024, सुबह 1:01 बजे |
एकादशी तिथि समाप्त | 27 नवंबर 2024, सुबह 3:47 बजे |
पारण का समय | 27 नवंबर 2024, दोपहर 1:20 बजे से 3:40 बजे तक |
पूजा मुहूर्त | 26 नवंबर 2024, सुबह 9:31 बजे से दोपहर 1:27 बजे तक |
उत्पन्ना एकादशी क्या है? | यह एकादशी कार्तिक पूर्णिमा के बाद की पहली एकादशी है और भगवान विष्णु की पूजा के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण मानी जाती है। |
महत्व | व्रत से पापों का नाश, भगवान विष्णु का आशीर्वाद, और मोक्ष की प्राप्ति होती है। |
कथा | देवी एकादशी ने राक्षस मुर का वध करके भगवान विष्णु की रक्षा की और विष्णु ने उन्हें “एकादशी” नाम दिया। |
व्रत विधि | – सूर्योदय से पहले स्नान करें। – भगवान विष्णु की पूजा करें। – दिनभर निराहार व्रत रखें। – रात में जागरण करें। |
क्या करें | – सत्य बोलें। – जरूरतमंदों को दान दें। – पूजा में तुलसी और चंदन का उपयोग करें। |
क्या न करें | – झूठ बोलने और तामसिक भोजन से परहेज करें। |
व्रत के लाभ | मनोकामनाओं की पूर्ति, पापों का नाश, जीवन में शांति और समृद्धि। |
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