Brahma Shakti Stotra

ब्रह्म शक्ति स्तोत्र

ब्रह्म शक्ति स्तोत्र एक अत्यंत प्रभावशाली स्तोत्र है जो ब्रह्माण्डीय ऊर्जा, अर्थात ब्रह्म की शक्ति—जो सृजन, पालन और संहार की मूल चेतना है—की स्तुति करता है। यह स्तोत्र देवी या ब्रह्मशक्ति को समर्पित होता है जो सृष्टि की आदि शक्ति मानी जाती हैं। इसका पाठ व्यक्ति को मानसिक, आध्यात्मिक और आत्मिक स्तर पर शक्ति प्रदान करता है, साथ ही इसे साधना और ब्रह्मविद्या में सफलता के लिए भी उपयोग किया जाता है।

।। श्रीशिवोवाच ।।

ब्राह्मि ब्रह्म-स्वरूपे त्वं, मां प्रसीद सनातनि ।

परमात्म-स्वरूपे च, परमानन्द-रूपिणि ।।

ॐ प्रकृत्यै नमो भद्रे, मां प्रसीद भवार्णवे।

सर्व-मंगल-रूपे च, प्रसीद सर्व-मंगले ।।

विजये शिवदे देवि ! मां प्रसीद जय-प्रदे ।

वेद-वेदांग-रूपे च, वेद-मातः ! प्रसीद मे ।।

शोकघ्ने ज्ञान-रूपे च, प्रसीद भक्त वत्सले ।

सर्व-सम्पत्-प्रदे माये, प्रसीद जगदम्बिके ।।

लक्ष्मीर्नारायण-क्रोडे, स्रष्टुर्वक्षसि भारती ।

मम क्रोडे महा-माया, विष्णु-माये प्रसीद मे ।।

काल-रूपे कार्य-रूपे, प्रसीद दीन-वत्सले ।

कृष्णस्य राधिके भद्रे, प्रसीद कृष्ण पूजिते ।।

समस्त-कामिनीरूपे, कलांशेन प्रसीद मे ।

सर्व-सम्पत्-स्वरूपे त्वं, प्रसीद सम्पदां प्रदे ।।

यशस्विभिः पूजिते त्वं, प्रसीद यशसां निधेः ।

चराचर-स्वरूपे च, प्रसीद मम मा चिरम् ।।

मम योग-प्रदे देवि ! प्रसीद सिद्ध-योगिनि ।

सर्व-सिद्धि-स्वरूपे च, प्रसीद सिद्धि-दायिनि ।।

अधुना रक्ष मामीशे, प्रदग्धं विरहाग्निना ।

स्वात्म-दर्शन-पुण्येन, क्रीणीहि परमेश्वरि ।।

।।फल-श्रुति।।

एतत् पठेच्छृणुयाच्चन, वियोग-ज्वरो भवेत् ।

न भवेत् कामिनीभेदस्तस्य जन्मनि जन्मनि ।।