Mangal Geetam

मंगल गीतम

मंगल गीतम एक ऐसा गीत है जो शुभ अवसरों पर, विशेषकर विवाह और जन्म जैसे मांगलिक कार्यों के दौरान गाया जाता है. यह गीत पारंपरिक लोकगीत है और इसका प्राथमिक उद्देश्य आशीर्वाद प्राप्त करना और समारोह को शुभ और सुखी बनाने का प्रयास करना है. “मंगल” शब्द का अर्थ शुभ या सौभाग्यशाली होता है, और “गीत” का अर्थ गीत होता है. 

गल गीतम् (Mangal Gitam)

श्रितकमलाकुचमण्डल धृतकुण्डल ए ।
कलितललितवनमाल जय जय देव हरे ।।1।।

दिनमणिमण्डलमण्डन भवखण्डन ए ।
मुनिजनमानsहंस जय जय देव हरे ।।2।।

कालियविषधरगञ्जन जनरञ्जन ए ।
यदुकुलनलिनदिनेश जय जय देव हरे ।।3।।

मधुमुरनरकविनाशन गरुडासन ए ।
सुरकुलकेलिनिदान जय जय देव हरे ।।4।।

अमलकमलदललोचन भवमोचन ए ।
त्रिभुवनभवननिधान जय जय देव हरे ।।5।।

जनकसुताकृतभूषण जितदूषण ए ।
समरशमितदशकण्ठ जय जय देव हरे ।।6।।

अभिनवजलधरसुंदर धृतमंदर ए ।
श्रीमुखचन्द्रचकोर जय जय देव हरे ।।7।।

तव चरणे प्रणता वयमिति भावय ए ।
कुरु कुशलं प्रणतेषु जय जय देव हरे ।।8।।

श्रीजयदेवकवेरूदितमिदं कुरुते मुदम् ।
मंगलमञ्जुलगीतं जय जय देव हरे ।।9।।

राधेकृष्ण हरि गोविन्द गोपाल
हरि वसुदेव बाल भज नन्द दुलाल
जय जय देव हरे ।।10।।

इति श्री जयदेव बिरचितं मंगल गीतं संपूर्णम्