Siddha Kunjika Stotram in Hindi

सिद्ध कुंजिका स्तोत्र एक अत्यधिक शक्तिशाली और गोपनीय स्तोत्र है, जिसे भगवान शिव ने देवी पार्वती को सुनाया था। यह स्तोत्र दुर्गा सप्तशती के समान प्रभावशाली है और इससे साधक को जीवन की कठिनाइयों से मुक्ति, शत्रु नाश, मानसिक शांति और समृद्धि प्राप्त होती है। यह खासतौर पर तंत्र-मंत्र के नकारात्मक प्रभावों से सुरक्षा प्रदान करता है।

सिद्ध कुंजिका स्तोत्रम्

ॐ यं ब्रह्मा वरुणेन्द्ररुद्रमरुत:
स्तूवन्ति दिव्यै: स्तवै:
वेधै: सांगपदक्रमप्रवृत्त:
प्रणमंति सर्वे श्रीं|

शिवं रुद्र महाक्रांति
प्राप्त्यर्थं च परेण सीसने
विद्यायां चन्द्रमा प्रचंडं
दीपं हारेण लक्ष्मीनाम्॥

साध्यं च जीवं ऐश्वर्यवर्धिनं
कल्याणरूपं शान्तिप्रदं
द्रव्यं गृहे वितरते जपी व्रजं।
अर्पणं संपन्नं सम्मातृणा रूपां:

संपूर्णम्।

सिद्ध कुंजिका स्तोत्र का पाठ करने का सर्वोत्तम समय कब है?

सिद्ध कुंजिका स्तोत्र का पाठ नवरात्रि, पूर्णिमा, और अमावस्या जैसे विशेष दिनों में अधिक प्रभावी होता है। रात के समय, विशेषकर शाम की आरती के बाद इस स्तोत्र का पाठ किया जाता है। इसे स्वच्छ स्थान पर देवी के चित्र या मूर्ति के सामने दीपक जलाकर और लाल वस्त्र पहनकर किया जाना चाहिए।

सिद्ध कुंजिका स्तोत्र का पाठ कौन कर सकता है?

सिद्ध कुंजिका स्तोत्र का पाठ कोई भी व्यक्ति कर सकता है, चाहे वह पुरुष हो या महिला। यह विशेष रूप से उन व्यक्तियों के लिए लाभकारी है, जो जीवन में किसी प्रकार की समस्याओं, शत्रुओं या मानसिक तनाव का सामना कर रहे हैं।

सिद्ध कुंजिका स्तोत्र का पाठ करने से क्या लाभ होते हैं?

सिद्ध कुंजिका स्तोत्र का नियमित पाठ करने से निम्नलिखित लाभ होते हैं:

  • जीवन के सभी कष्टों से मुक्ति
  • शत्रुओं से सुरक्षा और विजय
  • मानसिक शांति और आत्मविश्वास में वृद्धि
  • धन, समृद्धि और सुख-शांति की प्राप्ति
  • तंत्र-मंत्र के नकारात्मक प्रभावों से रक्षा

यह स्तोत्र उन लोगों के लिए विशेष रूप से लाभकारी है, जो जीवन में किसी प्रकार की बाधाओं या मानसिक तनाव से जूझ रहे हैं।

बीज मंत्र

  • ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे
  • ॐ ग्लौं हुं क्लीं जूं स: ज्वालय ज्वालय ज्वल ज्वल प्रज्वल प्रज्वल ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे ज्वल हं सं लं क्षं फट् स्वाहा

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

1. प्रश्न: सिद्ध कुंजिका स्तोत्र क्या है और इसका महत्व क्या है?

उत्तर: सिद्ध कुंजिका स्तोत्र एक शक्तिशाली तंत्र-मंत्र स्तोत्र है, जिसे विशेष रूप से देवी दुर्गा और देवी चामुण्डा की पूजा के लिए किया जाता है। यह स्तोत्र शत्रुओं से रक्षा, मानसिक शांति और समृद्धि की प्राप्ति के लिए अत्यधिक प्रभावी माना जाता है। इसके पाठ से जीवन में संकटों का निवारण और विजय की प्राप्ति होती है।

2. प्रश्न: सिद्ध कुंजिका स्तोत्र का पाठ करने के लाभ क्या हैं?

उत्तर: सिद्ध कुंजिका स्तोत्र का नियमित पाठ करने से निम्नलिखित लाभ होते हैं:

  • तंत्र-मंत्र के नकारात्मक प्रभावों से रक्षा
  • शत्रुओं से सुरक्षा और विजय प्राप्ति
  • मानसिक शांति और आत्मविश्वास में वृद्धि
  • जीवन के कष्टों से मुक्ति
  • धन, समृद्धि और सुख की प्राप्ति

3. प्रश्न: सिद्ध कुंजिका स्तोत्र का पाठ करने का सर्वोत्तम समय कब है?

उत्तर: सिद्ध कुंजिका स्तोत्र का पाठ विशेष रूप से नवरात्रि, पूर्णिमा, और अमावस्या के दिनों में प्रभावी होता है। इसे रात के समय, विशेषकर शाम की आरती के बाद, और स्वच्छ स्थान पर दीपक जलाकर पढ़ना शुभ माना जाता है। इसका पाठ विशेष रूप से ध्यान और श्रद्धा के साथ करना चाहिए।

4. प्रश्न: सिद्ध कुंजिका स्तोत्र को कौन पढ़ सकता है?

उत्तर: सिद्ध कुंजिका स्तोत्र का पाठ कोई भी व्यक्ति कर सकता है, चाहे वह पुरुष हो या महिला। यह स्तोत्र उन लोगों के लिए विशेष रूप से लाभकारी है जो मानसिक या शारीरिक परेशानियों से जूझ रहे हैं, शत्रुओं से मुक्ति पाना चाहते हैं, या अपनी जीवन में समृद्धि की प्राप्ति चाहते हैं।

5. प्रश्न: सिद्ध कुंजिका स्तोत्र के बीज मंत्र कौन से हैं?

उत्तर: सिद्ध कुंजिका स्तोत्र में मुख्य बीज मंत्र हैं:

  • ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे
  • ॐ ग्लौं हुं क्लीं जूं स: ज्वालय ज्वालय ज्वल ज्वल प्रज्वल प्रज्वल ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे ज्वल हं सं लं क्षं फट् स्वाहा

इन मंत्रों का जाप करने से देवी चामुण्डा की कृपा प्राप्त होती है, जो साधक की सभी इच्छाओं को पूर्ण करती हैं।